Zanzeero’n ko todta hai
ज़ंजीरों को तोड़ता है

 

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जंज़ीरों को तोड़ता है

[E]ज़ंज़ीरों को [A]तोड़ता [E]है
[E]तूफां के रुख [A]मोड़ता [E]है
[E]यीशु, [A]यीशु, [B]यीशु, [E]यीशु

[E]रिश्ता हमसे [A]जोड़ता [E]है
[E]और ना तन्हा [A]छोड़ता [E]है
[E]यीशु, [A]यीशु, [B]यीशु, [E]यीशु

[E]ज़ंज़ीरों को [A]तोड़ता [E]है
[E]तूफां के रुख [A]मोड़ता [E]है
[E]यीशु, [A]यीशु, मेरा [B]यीशु [E]यीशु

[E]जब मैं [B]दुआ में, तुझको [A]बुलाऊँ
तुझको [A]बुलाऊँ, पास अपने [E]पाऊँ
[E]बंधन सारे [A]तोड़ता [E]है
[E]रब से हमको [A]जोड़ता [E]है
[E]यीशु, [A]यीशु, [B]यीशु, [E]यीशु
ज़ंज़ीरों को…

[E]रूह में [B]बसा है, जाँ में [A]बसा है
उसकी [A]सच्चाई जग में [E]सदा है
[E]रूह की बातें [A]बोलता है[E]
[E]राज़ वो गहरे [A]खोलता है[E]
[E]यीशु, [A]यीशु, मेरा [B]यीशु [E]यीशु
ज़ंज़ीरों को…

[E]नाम [B]यीशु का जिसने [A]पुकारा
जिसने [A]पुकारा, पाया [E]किनारा
[E]पकड़े फिर ना [A]छोड़ता [E]है
[E]टूटे दिल को [A]जोड़ता [E]है
[E]यीशु, [A]यीशु, [B]मेरा यीशु [E]यीशु
ज़ंज़ीरो को…

Zanzeero   ko torta hei

[E]Zanzeero ko [A]todta [E]hei
[E]tufaan ke rukh [A]modta [E]hei
[E]Yeshu, [A]Yeshu, [B]Yeshu, [E]Yeshu

[E]rishta humse [A]jodta [E]hei
[E]aur na tanha [A]chhorta [E]hei
[E]Yeshu, [A]Yeshu, mera [B]Yeshu, [E]Yeshu – 2

[E]zanzeero ko [A]torta [E]hei
[E]tufaan ke rukh [A]modta [E]hei
[E]Yeshu, [A]Yeshu, Mera [B]Yeshu, [E]Yeshu

[E]jab mei [B]dua me, tujhko [A]bulaun
tujhko [A]bulaun, paas apne [E]paaun
[E]bandhan saare [A]todta [E]hei
[E]rab se humko [A]jodta [E]hei
[E]Yeshu, [A]Yeshu, [B]Yeshu, [E]Yeshu
Zanzeero ko …

[E]ruh mei [B]basa hei, jaan mei [A]basa hei
uski [A]sachchai jag mei [E]sada hei
[E]ruh ki baatein [A]bolta hei
[E]raaj woh gahre [A]kholta hei
[E]Yeshu, [A]Yeshu, [B]Yeshu, [E]Yeshu
Zanzeero   …

[E]naam [B]yeshu ka jisne [A]pukaara
jisne [A]pukaara paya [E]kinaara
[E]pakre phir na [A]chhorta [E]hei
[E]toote dil ko [A]jodta [E]hei
[E]Yeshu, [A]Yeshu, [B]mera Yeshu [E]Yeshu
Zanzeero ko…


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Saari srishti ke malik
सारी सृष्टि के मालिक तुम्ही हो

 

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सारी सृष्टि के मालिक तुम्हीं हो

[G]सारी सृष्टि के [C]मालिक तुम्हीं [G]हो
सारी सृष्टि के रक्षक तुम्हीं
[C]हो
[D]करते हैं तुझको सादर प्रणाम
[C]गाते हैं तेरे ही गुण[G]गान
हा-हा-हा –
[C]हालेलुयाह[D]
हा-हा-हा –
[G]हालेलुयाह[Em]
हा-हा-हा –
[Am]हालेलुयाह[D]
हा-हा-हा –
[G]हालेलुयाह[G7]

[G]सारी सृष्टि को [C]तेरा सहारा[G]
सारे संकट से हमको
[C]बचाना
[D]तेरे हाथों में जीवन हमारा है
[C]अपनी राहों पर हमको [G]चलाना
हा-हा-हा…

[G]हम हैं तेरे [C]हाथों की रचना[G]
हम पर रहे तेरी
[C]करुणा
[D]तन, मन, धन हमारा तेरा है
[C]इन्हें शैतां को छूने न [G]देना
हा-हा-हा…

[G]अब दूर नहीं [C]है किनारा[G]
धीरज को हमारे
[C]बढ़ाना
[D]जीवन की हमारी इस नैया को
[C]भवसागर में खोने न [G]देना
हा-हा-हा…

Saari srishti ke malik tumhi ho

[G]Saari srishti ke [C]malik tumhi [G]ho
Saare srishti ke rakshak tum hi
[C] ho
[D]Karte hei tujh ko saader pranaam
[C]Gaate hei’n tere hi gun[G]gan
Ha – ha – ha –
[C]Halleluyah[D]
Ha – ha – ha –
[G]Halleluyah[Em]
Ha – ha – ha –
[Am]Halleluyah[D]
Ha – ha – ha –
[G]Halleluyah[G7]

[G]Saari srishti ko [C]tera sahara[G]
Saare sankat se hamko
[C]bachaana
[D]Tere haatho me jeevan hamaara hei
[C]Apni raaho’n par hamko [G]chalana
Ha – ha – ha – Halleluyah – 4

[G]Ham he’n tere [C]haatho’n ki rachana[G]
Ham par rahe teri
[C]karuna
[D]Tan, man, dhan, hamara tera hei
[C]Inhe shaitan ko chhune na [G]dena
Ha – ha – ha – Halleluyah – 4

[G]Ab door nahi [C]hei kinara [G]
Dheeraj ko hamaare
[C]badhaana
[D]Jeevan ki hamaari is naiyya ko
[C]Bhav sagar me khone na [G]dena
Ha – ha – ha – Halleluyah – 4


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Satyamev Jayate
सत्यमेव जयते

सत्यमेव जयते – अर्थात सत्य की सदा जीत होती है। हम इस बात पर विश्वास करते हैं और इसी कारण बहुत से त्योंहार मनाते हैं। कुछ त्योंहारों में हम परस्पर असत्य पर सत्य की विजय को प्रतिबिंबित करते हैं और इसीलिये उत्सव में शामिल होते हैं। हम आनंद मनाते हैं और उससे जुड़े कई तरह के रीतिरिवाज भी पूरे करते हैं। सच तो यह है कि हम चाहते तो हैं कि सत्य की ही अंत में जीत होनी चाहिये, परंतु सत्य से ही अनजान हैं।

मेरा मानना है कि सामान्यतया मनुष्य की रुचि सत्य में ही होती है। झूठ को कोई सुनना पसंद नहीं करता। हाँ, यह बात और है कि यदाकदा स्वार्थवश हम झूठ बोल देते हैं। उदाहरणतया, जो लोग ज्योतिषियों के पास जाते हैं क्या वे अपने भविष्य का सत्य जानना नहीं चाहते हैं। कौन उनसे झूठ सुनने के लिये जाता है? अपने बच्चे से कोई झूठ सुनना पसंद नहीं करता; गलती भी हो जाये और बच्चा सच बोले तो संभव है कि मार से बच जाये परंतु झूठ बोले और पता चल जाये कि झूठ है तो जो हाथ में आये उससे पिटाई करने में माँ-बाप पीछे नहीं हटते। पुलिस वाले सच उगलवाने के लिये क्या क्या नहीं करते? यदि आपको पता चल जाये की सामने वाले झूठ बोल रहा है तो क्या आपकी रूचि उसकी बात में रहती है? कई लोग कहते हैं कि किसी की भलाई के लिये बोला गया झूठ ‘झूठ’ नहीं होता। यह सुनने में तो अच्छा है लेकिन अपने आप में असत्य बात है। कुल मिलाकर हम झूठ पसंद नहीं करते, परंतु जो शाश्वत जीवन का सत्य है उससे अनजान बैठे रहते हैं, उसे खोजते नहीं, और मिथ्या संसार में मन लगाये रहते हैं।

सत्य है क्या ?

हमें विचार करने की आवश्यकता है कि क्या सत्य वो है जो हम सुनना चाहते हैं, या वो है जो हमने बचपन से सीखा है। क्या विज्ञान ही सत्य है या फिर सत्य वो है जो मनुष्य के तत्वज्ञान से सिखाया गया है और या फिर वो जिसकी खोज में ऋषि-मुनि सदियों से जंगलों में जीवन बिताते रहे हैं और फिर भी जब नहीं पाया तो ईश्वर से यही प्रार्थना करने लगे कि हे ईश्वर हमें असत्य से सत्य, अंधकार से प्रकाश तथा मृत्यु से जीवन की ओर ले चल। संसार की बातें तो एक दिन खत्म हो जायेंगी लेकिन कभी खत्म ना होने वाला सत्य क्या है। कुछ शब्दों में, ईश्वर से जो मैंने सीखा है, मैं आपको वह सच्चाई बताने का प्रयास करता हूँ। Continue Reading