“क्योंकि पाप का मूल्य तो बस मृत्यु ही है जबकि हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनंत जीवन परमेश्वर का वरदान है।”
पुरातन ग्रंथ और आध्यात्मिक धर्मशास्त्र कहते हैं कि पूरी मानव जाति पाप के अंधकार में फंस कर अपने सृष्टिकर्ता के सान्निध्य से दूर हो गई है। हर प्रकार के पाप की क्षमा के लिये शुद्ध तथा निष्कलंक रक्त का बहना ज़रूरी है, क्योंकि लहू में जीवन होता है। कोई पशु पक्षी आदि का लहू नहीं परंतु परम पवित्र परमात्मा (सृष्टिकर्ता परमेश्वर) के लहू बहाने से ही सर्व मानवजाति का पाप क्षमा हो सकता है।
इस समय ज़िन्दगी इतनी दूभर हो गई है कि हर तरफ पीड़ा, बुराई, भुखमरी, गरीबी और बेरोजगारी दिखाई देती है और इसी कारण पाप का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है। भाई भाई का गला काट रहा है, हर कोई दूसरे पर पैर रखकर आगे बढ़ जाना चाहता है। हर दिन एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। क्या आप सोचते हैं कि धन-दौलत, अधिकार या प्रतिष्ठा इन सब समस्याओं का हल है? अगर आप अपने दृष्टिकोण को बदलकर देखेंगे तो समझ में आ जायेगा कि अगर ऐसा होता तो धनवान, अधिकारी, शक्तिशाली, प्रतिष्ठित और प्रख्यात लोग कभी अशांति में जीवन नहीं बिताते जबकि असलियत इसके ठीक विपरीत है और ऐसे ज्यादातर लोग अशांति में हैं तथा बिगड़ा हुआ (नैतिक तौर पर गिरा हुआ) जीवन बिता रहे हैं। हर चीज़ धन-दौलत से नहीं खरीदी जा सकती। आप एक अतिभव्य भवन बना सकते हैं लेकिन उस भवन में संतुष्ट तथा शांतिपूर्वक जीवन गुज़ारना आपके हाथों में नहीं है। आप कीमती शयनग्रह तो बना सकते हैं लेकिन सुख और चैन की नींद नहीं खरीद सकते। इसी प्रकार आप एक कीमती कार तो खरीद सकते हैं लेकिन हर दुर्घटना से आपको कौन बचायेगा? दिनरात एक करके आप दौलत तो कमा सकते हैं लेकिन आपकी सेहत का क्या होगा? विचार कीजिये कि ऐसा कौन है जो वो सब वस्तुएं देता है जो आप धन-दौलत से नहीं खरीद सकते। क्या इस बात के विषय में आपने कभी सोचा है?
सुख, शांति तथा आनंद से भरपूर संपूर्ण जीवन केवल हमारे सृष्टिकर्ता से ही प्राप्त हो सकता है। अगर सृष्टिकर्ता परमेश्वर आज आपको आवाज देकर बुला रहा है तो आप क्या करेंगे? उस बुलाहट को स्वीकार कर उसकी ओर अपनी दृष्टि कर उस परमात्मा को आप अपनी ज़िन्दगी का एक हिस्सा बना सकते हैं।
आज से लगभग दो हज़ार साल पहले सृष्टिकर्ता परमेश्वर मनुष्य रूप धारण कर मसीहा बनकर इस पृथ्वी पर आये तथा सारी मानव जाति के पापों की क्षमा के लिये क्रूस पर अपनी जान देकर संपूर्ण कीमत चुकाई। अगर आज कोई उस मसीहा (प्रभु यीशु मसीह) पर अपना विश्वास लाकर उसे अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता प्रभु स्वीकार करेगा तो वो अनंत जीवन पायेगा। आप के पापों के कारण क्रूसित होकर आपको धर्मी ठहराने के लिये प्रभु यीशु मृत्युंजय होकर फिर जी उठा। आज आपको अपने पापों के बंधनों में बंधकर एक दास की तरह जीवन बिताने की आवश्यकता नहीं है। यीशु मसीह ने आपके पापों की पूरी कीमत चुका दी है और इस प्रकार आपको हर प्रकार के पाप और अंधकार से स्वतंत्र कर दिया है। आज वो आपके हृदय के दरवाज़े पर खटखटाकर आपको बुला रहे हैं। इसी क्षण आप प्रभु यीशु मसीह को अपने हृदय में स्वीकार करें और उसे अपनाकर सारे पापों से छुटकारा पायें।
क्योंकि पाप की मज़दूरी तो मृत्यु है जबकि हमारे प्रभु यीशु मसीह में अनंत जीवन परमेश्वर का दान है।
Courtesy: Bro Narsimha Rao